बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर
बांग्लादेश की स्वतन्त्रता- 1971
(Liberation of Bangladesh - 1971 )
प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1971 का वर्णन कीजिए तथा युद्ध के कारणों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
भारत-पाक संघर्ष, 1971 का सविस्तार वर्णन कीजिये।
अथवा
बांग्लादेश की उत्पत्ति क्यों हुई? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
1971 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय स्थल, नौ एवं वायु सेना की संयुक्त संक्रिया का वर्णन कीजिए।
अथवा
1971 में भारत-पाक युद्ध के कारणों की विवेचना कीजिए।
अथवा
1971 में भारत-पाक युद्ध के कारणों की विस्तार से चर्चा कीजिए।
अथवा
मुक्तिवाहिनी का गठन क्यों और कैसे हुआ? प्रकाश डालिए।
अथवा
'भारत के आधुनिक सैन्य संगठन' पर एक निबन्ध लिखिये।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. 1971 के भारत-पाक युद्ध में दोनों देशों की तुलनात्मक शक्ति का उल्लेख कीजिए।
2. भारत-पाक युद्ध 1971 में भारत तथा पाकिस्तान की तुलनात्मक क्षति का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर -
(Indo-Pak War 1971)
पृष्ठभूमि : बांग्लादेश भारतीय सीमा से लगा एक बड़ा राष्ट्र है। सन् 1971 के युद्ध के समय बांग्लादेश की जनसंख्या लगभग 7,50,00,000 थी। इस समय बांग्लादेश को विश्व में दूसरे मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्र का स्थान प्राप्त था। पूर्वी बंगाल तथा सिलहट क्षेत्रों को सम्मिलित करके बनाया गया पूर्वी पाकिस्तान का वर्तमान नाम बांग्लादेश है। इसका क्षेत्रफल लगभग 1,42,799 वर्ग किलोमीटर है। बांग्लादेश की सीमायें भारत के असम, मेघालय, बंगाल, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों तथा दक्षिण में बंगाल की खाड़ी से छूती हैं।
युद्ध कौशलात्मक दृष्टिकोण से बांग्लादेश किसी भी आक्रामक सैन्य संक्रिया के लिए एक दुर्गम स्थल है। बढ़ती हुई सेनाओं को यहाँ पर अनेक जटिल प्राकृतिक बाधायें पार करनी पड़ती हैं। सामरिक दृष्टिकोण से बांग्लादेश की राजधानी ढाका काफी सुरक्षित है।
युद्ध के कारण
1. बांग्लादेश का शोषण तथा मुक्तिवाहिनी सेना का गठन : पाकिस्तान सरकार ने प्रारम्भ से ही बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) की उपेक्षा ही नहीं वरन् शोषण भी पंजाबी मुसलमानों के हित व समर्थन के लिए किया था। पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान के नागरिकों के साथ पश्चिमी पाकिस्तान के नागरिकों के समान व्यवहार नहीं किया था। पाकिस्तान की स्थापना के तुरन्त बाद ही जुलाई सन् 1948 में पूर्वी पाकिस्तान के 15000 पुलिस कर्मचारियों ने शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करके सरकार से समान वेतन की मांग की। इन प्रदर्शनकारियों को उस क्षेत्र के पंजाब रेजीमेण्ट के कमाण्डर अय्यूब खाँ ने मशीन गनों व टैंकों से भुनवा दिया। इसी प्रकार उर्दू भाषा को जबर्दस्ती राष्ट्रीय भाषा घोषित करके बांग्लादेश पर थोपने की कोशिश की जिसका विरोध करने पर अय्यूब खाँ ने पुनः निहत्थे छात्रों एवं जनता को अपनी गोलियों का शिकार बनाया। पश्चिमी पाकिस्तान के सैनिक तानाशाहों द्वारा पूर्वी पाकिस्तान के नागरिकों पर किये गये बर्बर अत्याचारों ने बांग्लादेश जन संग्राम को जन्म दिया। .
25 मार्च 1969 को अय्यूब खाँ के स्थान पर याहिया खान पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने। फरवरी 1971 में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय वायुयान का अपहरण कर लिया तथा लाहौर ले जाकर इसके यात्रियों को रिहा करके वायुयान को जला दिया गया जिसका विरोध करते हुए भारत सरकार ने अपनी सीमा से होकर जाने वाली सभी पाकिस्तानी वायुयानों की उड़ानें निषिद्ध कर दीं, जिसकी आड़ में पाक ने भारत के विरुद्ध पाकिस्तान में लामबन्दी प्रारम्भ कर दी।
इस समय राष्ट्रपति याहिया खाँ ने बांग्लादेश में लेए जनरल टिक्का खाँ को, जिसने ब्लूचिस्तान में कत्लेआम किया था, पूर्वी पाकिस्तान का सैनिक प्रशासक नियुक्त कर दिया। 25 मार्च 1971 को जबकि राष्ट्रीय विधानसभा का उद्घाटन होना था, याहिया खाँ शेख मुजीब को बन्दी बनाकर पश्चिमी पाकिस्तान पहुँचा और टिक्का खाँ को आदेश दे दिया कि सीधा कर दो इन्हें। अचानक निहत्थी बांग्लादेशी जनता पर सेना के आक्रमण प्रारम्भ हो गये जिसके परिणामस्वरूप परिस्थितिवश 'मुक्तिवाहनी' सेना का जन्म हुआ जिसने पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध बांग्लादेश की स्वतन्त्रता के लिए सशस्त्र संघर्ष प्रारम्भ कर दिया। 10 अप्रैल 1971 को मुजीब नगर में गणतांत्रिक बांग्लादेश की स्थापना की घोषणा कर दी गई, जिसमें बांग्लादेश को एक स्वतन्त्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया।
2. बांग्लादेशी शरणार्थियों का भारत में पलायन तथा भारत का युद्ध में शामिल होना : 25 मार्च 1971 को रात्रि 11 बजे ले. जनरल टिक्का खाँ ने बंगालियों को सीधा करने के लिए सेना को विभिन्न स्थानों पर भेजा और उसी रात जबकि पूरा देश सो रहा था घरों से जबर्दस्ती पकड़-पकड़ कर 50,000 बांग्लादेशी नागरिकों की हत्या मशीनगनों और टैंकों से करवा दी गयी। 31 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार के छठे दिन याहिया खाँ ने सेना को और बढ़ा दिया। इस नरसंहार से घबराकर बांग्लादेश की निर्दोष जनता भारतीय सीमा को लांघ कर बंगाल में आने लगी। भारत सरकार ने इन शरणार्थियों को सहायता प्रदान की। प्रतिदिन लगभग 60,000 शरणार्थी भारत आ रहे थे। अप्रैल 1971 तक भारत में लगभग 30 लाख शरणार्थी शरण ले चुके थे। इस प्रकार बांग्लादेशी शरणार्थियों की बढ़ती हुई संख्या से भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगा गई। वित्तमंत्री ने शरणार्थियों की सहायता के लिए 525 करोड़. रुपये का बजट पेश किया।
बांग्लादेश की समस्या तथा शरणार्थियों की संख्या से भारतीय सरकार परेशान थी और सितम्बर 1971 को भारत-पाक सीमा पर सेना की गतिविधियाँ तथा छापामार मुक्तिवाहिनी सेना की लड़ाइयाँ तेज हो गईं। भारत ने हथियारों के माध्यम से मुक्तिवाहिनी सेना को खुला समर्थन देना शुरू कर दिया।
2 दिसम्बर को भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने देश के नाम एक घोषणा प्रसारित की "भारत की स्थिति अब बदल चुकी है, अब वह दास नहीं है, आज हमको वही करना पड़ेगा जो हमारे देश के हित में होगा। हम वही करेंगे जो बड़े राष्ट्र चाहते हैं।"
तुलनात्मक सैन्य शक्ति
भारत-
थल सेना : 1971 में भारतीय थल सेना में 8,28,000 सैनिक थे। इनके मुख्य शस्त्र 7.62 M. M, स्वयंभर ईशापुर रायफल, 7.62 M.M. लाइट मशीन गन (L.M.G.)ä 81 तथा 120 " मोर्टार आदि स्वदेशी शस्त्र थे। इसके अतिरिक्त 450 (T55, T56) रूसी मझोले टैंक, 300 भारत निर्मित विजयन्त टैंक तथा अनेक सेंचुरियन टैंक आदि थे। .
नभ सेना - भारतीय वायुसेना में 625 सामरिक विमान तथा 90,000 सैनिक थे। सामरिक विमानों में मिग-21, सुखोई-7, भारत निर्मित नेट, हण्टर मारुत तथा कैनबरा आदि थे।
नौ सेना : भारतीय नौसेना में 40,000 सैनिक थे। इनमें एक विमानवाही विक्रान्त, दो क्रूज़र, तीन विध्वंसक, दो अनुरक्षित विध्वंसक नौपोत और पांच पेयटा गश्ती जलयान, चार रूसी पनडुब्बियाँ तथा अन्य कई प्रकार के जलयान भी थे।
पाकिस्तान-
थल सेना : 1971 के युद्ध के समय पाकिस्तान की थल सेना में 3,92,000 सैनिक थे। इसके अतिरिक्त एक कवचित डिवीजन, एक कवचित ब्रिगेड तथा एक पैटन टैंक डिवीजन था। इनके पास रूस द्वारा निर्मित T50 तथा T55 टैंक तथा शर्मन टैंक था जिनकी सही संख्या नहीं ज्ञात हो सकी है।
नभ सेना - पाकिस्तान की नभ सेना में 17 स्क्वार्डन थे जिनमें 285 सामरिक वायुयान थे। इन वायुयानों में सैबर, मिग़-19, मिराज आदि शामिल थे।
नौसेना : पाकिस्तानी नौसेना में चार पनडुब्बियाँ थीं जिनमें एक अमेरिकी गाज़ी तथा तीन फ्रांसीसी थीं। इसके अतिरिक्त एक हल्का क्रूज़र, दो विध्वंसक, तीन विध्वंसक अनुरक्षी, दो तीव्रगामी फ्रिगेट नौपोत और चार गश्ती नौकायें थीं।
इसके अतिरिक्त पाकिस्तान के पास 2,50,000 अर्द्धसैनिक भी थे।
निर्णायक युद्ध का प्रारम्भ : 3 दिसम्बर पाकिस्तानी नभ सेना ने शाम को 7 बजे तक भारत के सात हवाई अड्डों पर एक भीषण आक्रमण किया। यह आक्रमण श्रीनगर, अवन्तीपुर, पठानकोट, उत्तरलाई अम्बाला, जोधपुर और आगरा आदि पर किया गया था। उसी रात 8 बजे पाकिस्तानी थल सेना ने पुंछ- छम्ब क्षेत्र पर भी आक्रमण कर दिया। रात 12 बजकर 20 मिनट पर भारतीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी। भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में एक पाकिस्तानी पनडुब्बी गाजी, दो गनबोट तथा छः पावर बोट जलमग्न कर दी तथा थल सेना ने पहले ही दिन 33 बमवर्षक तथा 12 टैंक नष्ट कर दिये।
4 दिसम्बर : राष्ट्रपति याहिया खाँ ने भारत के विरुद्ध विधिवत् युद्ध की घोषणा कर दी। बांग्लादेश में पाकिस्तानी वायु सेना के बड़े भाग को क्षति हुई। इस दिन दोनों क्षेत्रों में पाकिस्तान के 33 वायुयान नष्ट हुए। भारत के 11 वायुयान नष्ट हुए। पश्चिमी क्षेत्र में उड़ी और हाजी- प्रीर दर्रे के बीच एक पहाड़ी पर भारतीय सेना को कब्जा करने में सफलता मिल गयी।
5 दिसम्बर : जेसोर-कुश्तिया रेलमार्ग पर भारतीय सेना ने अधिकार कर लिया। भारतीय नभ सेना के विमानों ने शत्रु के 33 टैंकों को नष्ट कर दिया तथा इसी दिन लौंग वाला तथा पुंछ में पाकिस्तानी हमले को विफल कर दिया। कराची बन्दरगाह पर भारतीय जल-सेना ने पाकिस्तान के 'खैबर' तथा 'शाहजहाँ' दो विध्वंसकों को डुबो दिया।
6 दिसम्बर : पाकिस्तान ने भारत से अपना राजनैतिक सम्बन्ध तोड़ लिया। भारत ने बांग्लादेश को स्वतन्त्र गणराज्य घोषित कर दिया। राजस्थान के विशाल क्षेत्र में पाकिस्तान के 37 टैंकों को भारतीय वायुसेना ने नष्ट कर दिया। इसी दिन भारतीय सेना के भी 12 टैंक नष्ट हो गये। भारतीय सेना ने सिन्ध के तीस गांवों पर अधिकार कर लिया।
7 दिसम्बर : इस तिथि को जैसोर का पतन हो गया। भारतीय सेना ने पूरब में जैसोर, सिलहट, रंगपुर के लालमुनि द्वार पर अधिकार कर लिया तथा शत्रु के 7 विमानों को मार गिराया तथा 12 टैंकों को नष्ट कर दिया।
8 दिसम्बर : भारतीय थल सेनाध्यक्ष ज. मानिकशा ने बांग्लादेश में स्थित पाकिस्तानी सेना को आत्म समर्पण करने का आदेश दिया। पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना ने बाड़मेर क्षेत्र में 20,000 वर्गमील भूमि पर अधिकार कर लिया।
9 दिसम्बर : भारतीय सेना ने कराची बंदरगाह पर पुनः आक्रमण कर दिया तथा पाकिस्तान सेना के तीन युद्धपोत डुबो दिये। सैनिक सामान ले जाती हुई शत्रु की दो रेलगाड़ियों को हवाई हमलों से नष्ट कर दिया गया।
10 दिसम्बर : भारत तथा बांग्लादेश ने एक संयुक्त सैनिक कमान के समझौते पर हस्ताक्षर किए। मेघना नदी के पश्चिमी तट से हमारे सैनिक दलों ने ढाका पर अंतिम आक्रमण किया। छम्ब क्षेत्र में शत्रु के 16 टैंक नष्ट किये गये।
11 दिसम्बर : भारतीय सेना ने शत्रु के लगभग 1800 सैनिकों को बन्दी बना लिया। भारतीय सेना ने राजस्थान से लेकर कश्मीर तक अपनी स्थिति मजबूत कर ली। बांग्लादेश में दस महत्वपूर्ण नगर स्वतन्त्र कराये गये।
12 दिसम्बर : भारतीय सेना पाक की 150 वर्गमील सीमा के अन्दर घुस गयी। कारगिल क्षेत्र में शत्रु की दो अन्य चौकियों पर काबू पा लिया गया। बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी सेना के आत्म- समर्पण के समाचार प्राप्त होने लगे।
13 दिसम्बर : अमेरिका ने सातंवां बेड़ा पाकिस्तान की सहायता के लिए भेज दिया जो बंगाल 'की खाड़ी में पहुंच गया। बांग्लादेश के पूर्वी क्षेत्र में लगभग 4000 शत्रु सैनिकों ने शस्त्र डाल दिये।
14 दिसम्बर : स्यालकोट क्षेत्र में करीब 1000 वर्ग किलोमीटर का इलाका भारतीय सेना के कब्जे में हो गया। इसी दिन श्रीनगर के पास दो पाकिस्तानी सैंबर जेट विमान मार गिराये गये।
15 दिसम्बर : भारतीय सेना ने कारगिल क्षेत्र में 31 चौकियों पर अधिकार कर लिया तथा शत्रु के 15 टैंकों को नष्ट कर दिया। अमृतसर में शत्रु का एक बमवर्षक तथा बाड़मेर क्षेत्र में दो बमवर्षक मार गिराये गये।
16 दिसम्बर : पश्चिमी क्षेत्र में भयंकर युद्ध में शत्रु के 45 टैंकों को भारतीय थल तथा नभ सेना ने मिलकर नष्ट कर दिया। भारतीय ले. जनरल जे. एस. अरोड़ा ने पाकिस्तानी सेनाओं के आत्म- समर्पण को बिना किसी शर्त के स्वीकार कर लिया।
17 दिसम्बर : शाम 4 बजकर 31 मिनट पर पाकिस्तान के पूर्वी कमान के सेनाध्यक्ष जनरल ए. ए. के. नियाजी ने अपने 91,000 सशस्त्र सैनिकों के साथ भारत के पूर्वी क्षेत्र के कमाण्डर जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और इस तरह 14 दिन के भारत-पाक युद्ध का अन्त हुआ।
तुलनात्मक क्षति
भारतीय पक्ष :
पूर्वी क्षेत्र | पश्चिमी क्षेत्र | कुल | |
मृतक | 1047 | 1426 | 2473 |
घायल | 3047 | 3611 | 6658 |
लापता | 89 | 2149 | 2238 |
योग | 4183 | 7186 | 11369 |
भारत | पाकिस्तान | |
वायुयान | 45 | 94 |
टैंक | 73 | 244 |
युद्धपोत | ||
विध्वंसक | 1 | 4 |
माइनस्वीपर | 2 | |
पनडुब्बियाँ | (खुकरी लापता ) | 2 |
तोप नौकायें, | 16 | |
अन्य नौकायें, | 12 |
पाकिस्तान ने अपनी सैनिकों की क्षति का विवरण नहीं दिया। इसके अतिरिक्त बांग्लादेश को मुक्त कराकर भारत ने पश्चिमी क्षेत्र में 3600 वर्ग किमी. भूमि पर अधिकार कर लिया, जबकि पाकिस्तानी सेना भारतीय भूमि पर केवल 126 वर्ग किमी. ही पहुंच पायी। इसके अतिरिक्त 91000 पाकिस्तानी सैनिकों तथा लगभग 18000 पाकिस्तानी अर्द्धसैनिक बलों व असैनिकों ने आत्मसमर्पण किया तथा इन सैनिकों से प्राप्त सैन्य साज-सामान दो डिवीजन सेनाओं के लिए प्राप्त था।
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- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्य एवं पुराणकालीन सैन्य पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में गुप्तचर व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए गुप्तचरों के प्रकार तथा कर्मों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्त्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- वैदिकयुगीन दुर्गों के वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सैन्य पद्धति का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- भारतीय सैन्य पद्धति के अध्ययन के स्रोत कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- पौराणिक काल के अष्टांग बलों के नाम लिखिये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास में कितने प्रकार के राजदूतों का उल्लेख है? मात्र नाम लिखिये।
- प्रश्न- धनुर्वेद के अनुसार आयुधों के वर्गीकरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- वैदिककालीन दस राजाओं के युद्ध का क्या परिणाम हुआ?
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- वैदिक काल की रथ सेना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में अश्व सेना के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में राजूदतों के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- किन्हीं तीन प्रकार के प्राचीन हथियार एवं दो प्रकार के कवचों के नाम लिखिए।
- प्रश्न- धर्म युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- किलों पर विजय प्राप्त करने की विधियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- झेलम के संग्राम (326 ई.पू.) में पोरस की पराजय के कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- झेलम के संग्राम से क्या सैन्य शिक्षाएं प्राप्त हुई?
- प्रश्न- झेलम के संग्राम के समय भारत की यौद्धिक स्थिति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिकन्दर की आक्रमण की योजना की समीक्षा करो।
- प्रश्न- पोरस तथा सिकन्दर की सैन्य शक्ति की तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- सिकन्दर तथा पुरू की सेना का युद्ध किस रूप में प्रारम्भ हुआ?
- प्रश्न- सिकन्दर तथा पोरस की सेना को कितनी क्षति उठानी पड़ी?
- प्रश्न- कौटिल्य के अर्थशास्त्र में वर्णित सैन्य पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के अनुसार मौर्यकालीन युद्ध कला एवं सैन्य संगठन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य कौन था? उसकी पुस्तक का नाम लिखिए।
- प्रश्न- कौटिल्य द्वारा वर्णित सैन्य बलों की श्रेणियां लिखिये।
- प्रश्न- कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कितने प्रकार के राजदूतों का वर्णन किया है
- प्रश्न- कौटिल्य के सैन्य संगठन सम्बन्धी विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के व्यूहरचना (Tactical Formatic) सम्बन्धी विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के द्वारा बताये गये दुगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य ने युद्ध संचालन के लिए कौन-कौन से विभागों का वर्णन किया है?
- प्रश्न- कौटिल्य द्वारा बताये गये गुप्तचरों के रूप लिखिए।
- प्रश्न- राजपूत सैन्य पद्धति और युद्धकला पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- तराइन के द्वितीय संग्राम (1192 ई०) का वर्णन कीजिए। हमें इस युद्ध से क्या शिक्षाएँ मिलती हैं?
- प्रश्न- तराइन के दूसरे युद्ध ( 1192 ई०) में राजपूतों की पराजय तथा मुसलमानों की विजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- तराइन के युद्ध की सैन्य शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों के गुणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- "राजपूतों में दुर्गुणों का भी अभाव न था।" इस कथन को साबित कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के सैन्य संगठन और युद्ध कला पर प्रकाश डालिए। बलबन तथा अलाउद्दीन के सैन्य सुधारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मुगल काल में अश्वारोही सैनिक कितने प्रकार के होते थे?
- प्रश्न- तोप और अश्वारोही सेना मुगलकालीन सेना के मुख्य सेनांग थे जिनके ऊपर उन्हें विजय प्राप्त करने का विश्वास था। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आघात समरतंत्र (Shock Tactics) क्या है?
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत की सैन्य व्यवस्था तथा विस्तार पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मुगल स्त्रातजी तथा सामरिकी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1526 ई० में पानीपत के प्रथम संग्राम का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलों की सेना में कितने प्रकार के सैनिक थे?
- प्रश्न- मुगल सैन्य पद्धति के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- सेना के वह मुख्य भाग क्या थे? जिन पर मुगलों की विजय आधारित थी? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगल तोपखाने पर संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- युद्ध क्षेत्र में मुगल सेना की रचना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगल काल में अश्वारोही सैनिक कितने प्रकार के होते थे?
- प्रश्न- तोप और अश्वारोही सेना मुगलकालीन सेना के मुख्य सेनांग थे जिनके ऊपर उन्हें विजय प्राप्त करने का विश्वास था। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- खानवा की लड़ाई (1527 ई०) का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- राजपूतों की युद्ध कला पर संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- राजपूतों का सैन्य संगठन कैसा था?
- प्रश्न- राजपूतों के गुणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों में दुर्गणों का भी अभाव न था। इस कथन को साबित करिये।
- प्रश्न- तराइन के दूसरे युद्ध (1192 ई.) में राजपूतों की पराजय तथा मुसलमानों की विजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1527 ई० की खानवा की लड़ाई में राजपूतों और मुगलों की तुलनात्मक सैन्य शक्ति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 17वीं शताब्दी में मराठा शक्ति के उत्कर्ष के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मराठा सैन्य पद्धति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मराठा सेनाओं की युद्ध कला एवं संगठन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तीसरे संग्राम (1761 ई०) का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मराठा शक्ति के उदय पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिवाजी के समय मराठों का सैन्य संगठन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मराठों की युद्धकला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मराठा सैनिकों के सैन्य गुणों को बताइये।
- प्रश्न- शिवाजी के सैन्य गुणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तृतीय युद्ध ( 1761 ई०) में मराठों और अफगानों की सैन्य शक्ति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तृतीय युद्ध का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तीसरे युद्ध (1761 ई.) में मराठों की पराजय के प्रमुख कारण लिखिए।
- प्रश्न- सिक्ख सैन्य पद्धति, युद्ध कला तथा संगठन का पूर्ण विवरण दीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह के पूर्व सिक्ख सैन्य पद्धति की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "रणजीत सिंह भारत का गुस्तावस एडोल्फस माना जाता है। इस कथन के संदर्भ में रणजीत सिंह द्वारा सिक्ख सेना के किये गये विभिन्न सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सोबरांव के संग्राम (1864 ई०) का वर्णन करते हुए सिक्ख सेना की पराजय के कारण बताइये।
- प्रश्न- दल खालसा पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिक्ख सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह ने सिक्खों को सैनिक क्षेत्र में क्या योगदान दिये?
- प्रश्न- सिक्खों के सेनांग का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह से पूर्व सिक्खों के समरतंत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- खालसा युद्ध कला पर लिखिये।
- प्रश्न- महाराजा रणजीत सिंह के तोपखाने का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सेना में क्या-क्या सुधार किये?
- प्रश्न- सोबरांव के युद्ध (1846) में सिक्खों की मोर्चे बन्दी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सोबरांव के युद्ध में सिक्खों की पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- सिक्ख दल खालसा का युद्ध के समय क्या महत्व था?
- प्रश्न- ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सैन्य पद्धति का वर्णन कीजिए तथा 1857 ई. के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1858 से लेकर सन् 1918 तक अंग्रेजों के अधीन भारतीय सेना के संगठन तथा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतंत्रता पश्चात् सशस्त्र सेनाओं के भारतीयकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सेना के भारतीयकरण में मोतीलाल नेहरु की रिपोर्ट का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- 1939-45 के मध्य भारतीय सशस्त्र सेनाओं के विस्तार और भारतीयकरण का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय नभ शक्ति की विशेषताओं तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय कवचयुक्त सेना पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में सैन्य संगठन की रचना एवं तत्वों का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय थल सेना के अंगों का विस्तृत विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भारत के लिए एक शक्तिशाली नौसेना क्यों आवश्यक है? नौसेना के युद्ध कालीन कार्य बताइए।
- प्रश्न- भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लार्ड क्लाइव ने सेना में क्या-क्या सुधार किये?
- प्रश्न- लार्ड कार्नवालिस के सैन्य सुधारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कमाण्डर-इन-चीफ लार्ड रॉलिन्सन ने क्या सुधार किये?
- प्रश्न- कम्पनी सेना की स्थापना के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रेसीडेन्सी सेनाओं के विकास का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्राउनकालीन भारतीय सेना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिशकालीन भारतीय सेना को किन कारणों से राष्ट्रीय सेना नहीं कहा जा सकता?
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- ब्रह्मोस क्या है?
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत ने व्यापक परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (CTBT) पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किया है?
- प्रश्न- पोखरन-II परीक्षणों में भारत ने किस प्रकार के अस्त्रों की क्षमता का परिचय दिया था?
- प्रश्न- भारत की प्रतिरक्षात्मक तैयारी का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत की स्थल सेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय वायु सेना के कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय वायु सेना के संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय वायुसेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय वायुसेना पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- भारतीय स्थल सेना की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वायुसेना का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- भारत की स्थल सेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम भारत-पाक युद्ध या कश्मीर युद्ध (1947-48) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्रता के पश्चात् भारतीय सेनाओं द्वारा लड़े गये युद्धों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 1948 के भारत-पाक युद्ध में स्थल सेना की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कश्मीर विवाद 1948 में सैन्य कार्यवाही के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 1948 का युद्ध भारत पर अचानक आक्रमण था। कैसे?
- प्रश्न- कश्मीर सैन्य कार्यवाही, 1948 के राजनैतिक परिणाम क्या थे? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय उपमहाद्वीप में शान्ति भारत-पाक सम्बन्धों पर अवलम्बित है।" इस कथन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए
- प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1948 में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका।
- प्रश्न- 1962 में चीन के विरुद्ध भारत की सैनिक असफलताओं के कारण बताइए।
- प्रश्न- 1948 तथा 1962 के युद्धों में प्रयुक्त समरनीति का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में तिब्बत की सुरक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत-चीन युद्ध 1962 में वायुसेना की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत-चीन संघर्ष, 1962 ने भारतीय सेना की कमजोरियों को उजागर किया। समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- नदी बाहुल्य क्षेत्र में वायुसेना की महत्ता समझाइये।
- प्रश्न- "भारत में रक्षा अनुसंधान एवं रेखास संगठन की भूमिका' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 1965 में भारत और पाकिस्तान के मध्य हुए युद्ध का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1965 के भारत-पाक संघर्ष के प्रमुख कारणों को आंकलित कीजिए।
- प्रश्न- 1965 के कच्छ के विवाद पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ताशकन्द समझौता क्यों हुआ? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- मरुस्थल के युद्ध की समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- कच्छ के रन का रेखाचित्र बनाइये।
- प्रश्न- कच्छ के रण का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- ताशकन्द समझौते के मुख्य प्रस्तावों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- कच्छ सैन्य अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1971 का वर्णन कीजिए तथा युद्ध के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1971 के युद्ध में जैसोर तथा ढाका की घेराबन्दी अभियान तथा ढाका के आत्मसमर्पण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के लिए कारगिल क्यों महत्वपूर्ण है?
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 की उत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की आक्रामक कार्यवाही का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल संघर्ष 1999 के कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध के पीछे पाकिस्तान की मंशा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध (1999) के समय भारतीय सेनाओं के समक्ष आई समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- 1 - वैदिक एवं महाकाव्यकालीन सैन्य व्यवस्था (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 2 - झेलम संग्राम - 326 ई. पू. (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 3- कौटिल्य का युद्ध दर्शन (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 4 - तुर्क एवं राजपूत सैन्य पद्धति : तराइन का युद्ध (1192 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 5- सैन्य संगठन एवं सल्तनत काल की सैन्य पद्धति (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 6 - मुगल सैन्य पद्धति : पानीपत का प्रथम संग्राम (1526 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 7- राजपूत सैन्य संगठन, शस्त्र प्रणाली एवं खानवा का संग्राम (1527 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 8- मराठा सैन्य पद्धति एवं पानीपत का तीसरा युद्ध (1761 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्नऋ
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- 9 - सिक्ख सैन्य प्रणाली एवं सोबरांव का युद्ध (1846 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 10 - ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सैन्य पद्धति, 1858-1947 ईस्वी तक (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 11- प्रथम भारत पाक युद्ध (1947-48) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 12 - भारत-चीन युद्ध 1962 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 13 - भारत-पाकिस्तान युद्ध - 1985 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 14- बांग्लादेश की स्वतन्त्रता - 1971 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 15 - कारगिल संघर्ष - 1999 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
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